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जन धन योजना के प्रति लोगों में भ्रांति

गुस्ताखी माफ़
गुस्ताखी माफ़
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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब , देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी सरकार के द्वारा लागू की गई जन धन योजना की तारीफों के पुल बांधते नहीं थकते है। चाहे वह अमेरिका हो या ऑस्ट्रेलिया, जन धन योजना मोदी जी के लिए एक लक्ष्य है कि हर भारतीय को बैंक से जोड़ा जाये। वैसे सरकार की पहल अच्छी है नीति भी अच्छी है और नियत भी साफ़ है कि आज के ग्रामीण के पास जेब में मोबाइल तो है लेकिन बैंक में खाता नहीं हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री जी ने योजना का आगाज़ कर दिया साथ ही कई सुविधाओं से लैस इस योजना के तहत ज़ीरो बैलेंस पर खाता खोला जायेगा।
लेकिन सरकारी कागज़ों पर इस योजना की कुछ और ही तस्वीर हैं और जानता में कुछ और,
जन धन योजना को लेकर देश की जनता में सरकारी योजना के ठीक उलट सोच पनप रही है। अब ग्रामीण लोग दिन प्रतिदिन इस आस के साथ बैंकों में
खाता खुलवा रहे हैं कि उनके मुताबिक सरकार जो जन धन योजना चला रही है उसके तहत खाता खोलने पर प्रत्येक खाताधारक को हर माह पांच हज़ार रूपये सरकार की तरफ से खाते में डाले जाएंगे साथ ही एक लाख रूपये का बीमा भी किया जाएगा। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि सरकार की इस योजना के तहत खाते में एक लाख रुपया डाला जायेगा जो खाताधारक का ही होंगा। इस प्रकार की भ्रांति से कहीं तो ख़ुशी है और कहीं गुस्सा। लोग खाता खुलवाने के तुरन्त बाद बैंक जाकर खाते में पांच हज़ार रूपये की मांग करने लगते हैं इस वजह से बैंक अधकारिओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बैंक अधिकारिओं के लाख समझाने पर भी खाताधारक मानने को तैयार नहीं होते हैं। जबकि सच्चाई कुछ और ही हैं। लोगों को सही जानकारी न होने का नतीज़ा बैंक अधिकारिओं को भुगतना पड़ रहा है कहीं कहीं बैंककर्मी जनता के गुस्से का शिकार भी बन चुके हैं। ऐसे हालत में बैंक अधिकारिओं का मानना है कि लोगों की जन धन योजना के प्रति सही जानकारी नहीं है। सरकार द्वारा इनको खाता खुलवाने व खाते के सम्बंधित योजनाओं के विषय में जागरूक किया जाए।
सरकार ने जन धन योजना का आगाज़ 29 अगस्त 2014 से किया था तब सरकार का लक्ष्य था 26 जनवरी तक पुरे देश से कम से कम 10 करोड़ खाते खुल जाने चाहिए। लेकिन सरकार की इस योजना को लोगों ने हाथों हाथ लिया कि अब यह आकड़ा बढ़ता नज़र आ रहा है जिसे देखते हुए सरकार ने अब 15 अगस्त 2015 तक 15 करोड़ खाता खोलने का लक्ष्य रख दिया है। देश भर में लगातार इस योजना के तहत खाता खोले जा रहे हैं सरकार ने तमाम सुविधाओं से लैस इस योजना में खाता खोलने में भी काफी उलझनों को दूर किया है अब सिर्फ़ पहचान पत्र द्वारा ही खाता खोला जा सकता है अगर पहचान पत्र न हो तो राज्य सरकार द्वारा कोई भी लिखित प्रमाण पत्र भी खाता खोलेने के लिए लगाया जा सकता है इन सब के बावजूद अगर कोई प्रमाण पत्र नहीं है तो सिर्फ दो फोटोग्राफ से खाता खोला जा सकता है लेकिन ऐसे खाते को सीमित खाते का दर्ज़ा दिया जाएगा इस में खाताधारक से हस्ताक्षर या अंगूठे निशान लिए जाएंगे। इस प्रकार के खाते में सिर्फ दस हज़ार रूपये ही प्रतिमाह निकाले और पचास हज़ार रूपये से ज्यादा खाते में नहीं रखे जा सकेंगे। साथ ही एक लाख से ज्यादा का क़र्ज़ भी नहीं हासिल किया जा सकता। भविष्य में कभी भी कागजात जमा कर सीमित खाते को सामान्य खाता करवाया जा सकता है वही सरकार ने सामान्य खाताधारक को एक रूपये का दुर्घटना बीमा दिया जायेगा और खाता खोलने के छः माह बाद पांच हज़ार रूपये खाताधारक को ब्याज पर मिलेंगे जोकि राशि घर की उसी महिला को दी जाएगी जो विधवा होगी। लेकिन आम खाताधारकों में इस प्रकार की जानकारी का आभाव देखा जा रहा है वह इसी सोच के साथ खाता खुलवाने में लगे हुए हैं कि सरकार द्वारा एक लाख रूपये या पांच हज़ार रूपये प्रतिमाह मिलेंगे। कुछ ही लोग ऐसे हैं जो सरकार की वास्तविक योजना की सही जानकारी रखते हैं।

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